भोपाल में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा का पहला दिन
कहा- हनुमान चालीसा रटे नहीं अपने जीवन में उतारें, सफलता जरूर मिलेगी
भोपाल : भोपाल के करोंद इलाके में आज से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, सफल आदतें डालने से सफलता प्राप्त होती है। विफल आदतें डालने से विफलताएं मिलती हैं। जीवन में सफल होना है तो हनुमान जी के चरित्र को अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। हनुमान जी का भक्त जीवन में कभी विफल नहीं होता। हनुमान चालीसा को पढ़ना चाहिए रटना नहीं । लेकिन, जो हनुमान चालीसा को अपने जीवन में उतार लेता है वही व्यक्ति सफल है।
अगला जन्म भी मध्य प्रदेश में ही हो :
भगवान गणेश की स्तुति के साथ कथा की शुरुआत करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा धन्य है भोपाल के लोग। मैं प्रभु से प्रार्थना करता हूं कि मेरा अगला जन्म भी मध्य प्रदेश में ही हो। उन्होंने कहा कि दो दिन की कथा हनुमान की चालीसा की एक चौपाई (सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना) पर ही केंद्रित रहेगी।
ये भोपाल नगरी राजधानी है। यहां राज नेताओं का बोलबाला है। मैं प्रार्थना करता हूं कि राजधानी होनी चाहिए लेकिन यहां राम रस भी होना चाहिए। हमारे हनुमानजी महाराज ने राज्य भी दिलाया और भगवान राम से भी मिलाया। जो हनुमान का भक्त होता है उसे राज्य के साथ भगवान राम भी प्राप्त होते हैं। काम ने भी अपना नाम राम से मिलता जुलता रखा। राम का नाम संतुष्टि दिलाता है। वहीं काम से कभी संतुष्टि नहीं मिलती। हमको कामरस की जगह रामरस में डूब जाना चाहिए।
मुस्कान तो सिर्फ रामरस को सुनने में आती है :
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हम कितनी भी उपलब्धि पा लें, लेकिन मुस्कान नहीं आती। मुस्कान तो सिर्फ रामरस को सुनने में आती है। हनुमानजी महाराज एक ऐसे देवता हैं जो सब सुख प्रदान कर सकते हैं। मुझसे एक व्यक्ति ने पूछा- आप हनुमान जी की कथा क्यों करते हैं। मैने उससे कहा- ‘और देवता चित न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई’ एक हनुमान जी ही ऐसे हैं जो सब सुख दे सकते हैं। हनुमान जी सिद्धि भी देते हैं। हनुमान चालीसा पढ़ने से सुख मिलता है और दुख से छुटकारा मिलता है।
सफल आदतें डालने से सफलता प्राप्त होती है :
हनुमानजी सदगुरू हैं, हम इनकी शरण में रहेंगे तो हमारे ऊपर भी उनकी कृपा होगी। जो लोग हनुमान चालीसा, हनुमानजी की भक्ति जो भी करता है, उसे सारे सुख प्राप्त होते हैं। सफल आदतें डालने से सफलता प्राप्त होती है। विफल आदतें डालने से विफलताएं प्राप्त होती हैं। दौड़ते घोड़े और सूर्य का फोटो कमरे में लगाने से सफलता नहीं मिलती। सफलता मिलती है सूर्य उदय से पहले जागने में और घोड़े की तरह मेहनत करने में। जीवन में सफल होना है तो हनुमान जी के चरित्र को अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। हनुमान जी का भक्त जीवन में कभी विफल नहीं होता। हनुमान चालीसा को पढ़ना चाहिए रटना नहीं चाहिए। लेकिन, जो हनुमान चालीसा को अपने जीवन में उतार लेता है वही व्यक्ति सफल है।
चुनाव से पहले श्री हनुमत कथा :
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग अपने विधानसभा क्षेत्र नरेला में ये कथा करा रहे हैं। इससे पहले जून में उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा कराई थी। तब इसमें 10 लाख लोगों के पहुंचने का दावा किया गया था।
राजनीतिक हलकों में इस धार्मिक आयोजन को सियासत से जोड़कर भी देखा जा रहा है क्योंकि दोनों ही कथाओं का पूरा फोकस नरेला विधानसभा क्षेत्र में ही है। हालांकि, मंत्री सारंग इस आयोजन को चुनाव से जोड़ने की बात से इनकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि वे माता-पिता की स्मृति में हर बार यह आयोजन करते हैं। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।
भोपाल संभाग से पहुंच रहे श्रद्धालु :
धीरेंद्र शास्त्री की कथा में देशभर से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन नरेला में हो रही कथा में भोपाल संभाग की सभी विधानसभा क्षेत्रों से ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। बाहर से आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके इंतजाम भी आयोजन समिति ने किए हैं। कथा के दौरान भाजपा के कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे। कथा के अंतिम दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का भाषण भी हो सकता है। इससे पहले जून में हुई पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के समापन के दौरान मुख्यमंत्री ने करीब आधा घंटे भाषण दिया था।
वीआईपी के लिए खास व्यवस्था :
55 एकड़ मैदान पर पंडाल बनाए गए हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की गद्दी के ठीक सामने व्हीआईपी के बैठेंगे। इनके आने-जाने के लिए गेट की अलग व्यवस्था है। इनकी गाड़ियां मंच के पास तक जाएगी। जिन व्हीआईपी को सारंग चाहेंगे उन्हीं को मंच पर जाने की व्यवस्था की गई है।
भोपाल में 1 लाख से अधिक आमंत्रण पत्र किए वितरित :
मंत्री सारंग ने बताया कि पंडित शास्त्री की श्री हनुमंत कथा भोपाल में अब तक का सबसे भव्य धार्मिक समागम होगा। शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ कार्यकताओं द्वारा श्री हनुमंत कथा के आमंत्रण पत्रों का वितरण किया गया है। करीब डेढ़ लाख आमंत्रण पत्र वितरित किए जा चुके हैं।
कथास्थल पर गणेश विसर्जन कर सकेंगे श्रद्धालु :
मंत्री सारंग ने बताया कि 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर कथा स्थल पर ही गणेश पूजन व विसर्जन भी किया जाएगा। सभी भोपालवासी अपने घरों में विराजमान श्रीगणेश की प्रतिमा के साथ कथा स्थल पर पधारें और बागेश्वर धाम सरकार के सानिध्य में श्री गणेश की प्रतिमा विसर्जित करें।
श्रद्धालुओं के भोजन और ठहरने की व्यवस्था :
दो दिवसीय कथा में शामिल होने आ रहे देश के विभिन्न क्षेत्रों के श्रद्धालुओं के भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था के लिए शहर के लगभग 300 से अधिक सामाजिक संगठनों द्वारा धर्मशालाओं में व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही कथास्थल पर भी नाश्ते, पेयजल, शरबत व चिकित्सा शिविरों की भी व्यवस्था की जाएगी।
5 हजार से अधिक सेवादार संभालेंगे व्यवस्था :
कथा स्थल पर फूली वेंटिलेटेड पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। इन पंडालों में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के आने के साथ ही आयोजन स्थान पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के भोजन व पार्किंग के साथ ही चिकित्सा की भी व्यवस्था की जाएगी। हनुमंत कथा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसलिए नरेला उत्सव समिति द्वारा विभिन्न व्यवस्था समितियों का गठन किया गया है। यह समिति पंडाल, पेयजल, भोजन, यातायात, स्वास्थ्य, प्रचार से लेकर प्रशासनिक समन्वय तक सभी व्यवस्थाएं संभालेंगी। सभी समितियों के समन्वय के लिए 1 मुख्य नियंत्रण कक्ष होगा।
200 एकड़ में 13 प्रकार की पार्किंग की व्यवस्था :
मंत्री सारंग ने बताया कि पीपुल्स मॉल के पीछे ग्राउंड के चारों ओर लगभग 200 एकड़ क्षेत्र को समतल कर 13 प्रकार की पार्किंग व्यवस्था की गई है। यहां लगभग 40 हजार दो पहिया व चार पहिया वाहन पार्क हो सकेंगे। जिसमें शहर के आसपास की ओर से आने वाले वाहन पार्क हो जाएंगे। जिससे जाम की स्थिति निर्मित नहीं होगी। कथा स्थल के 2 किमी की दूरी पर पार्किंग के समीप निःशुल्क बसों की व्यवस्था की जाएगी। जिससे श्रद्धालु अपने वाहनों को पार्क कर कथा स्थल के लिए सुव्यवस्थित रूप से रवाना हो सकेंगे।
बाहर के श्रद्धालुओं के लिए स्टेशन से निःशुल्क वाहनों की व्यवस्था :
मंत्री सारंग ने बताया कि पं. शास्त्री की कथा का श्रवण करने के लिए भोपाल के बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इसके लिए भोपाल स्टेशन पर आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा उन श्रद्धालुओं का स्वागत कर उन्हें कथा स्थल तक पहुंचाने की निःशुल्क व्यवस्था की गई है।
कथा स्थल पर श्रद्धालुओं को ये सुविधाएं भी :
- 300 अस्थाई टायलेट बनाए गए हैं। साथ ही मोबाइल टॉयलेट भी उपलब्ध होंगे।
- कथास्थल पर 100 से अधिक बड़ी-बड़ी एलईडी लगाई जाएगी।
- श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न स्थानों पर पानी के टैंकर और कैन रखेंगे। साथ ही पाइपलाइन डालकर हजार नल भी लगाए गए हैं।
- बाहर से कथा सुनने आने वाले श्रद्धालुओं के रहने के लिए पंडालों में रहने की व्यवस्था की गई है।
- पंडालों में 200 से ज्यादा कूलर और पंखे भी लगाए जाएंगे।
- श्रद्धालुओं के बैठने के लिए गद्दे भी लगाए गए हैं।
- 20 चिकित्सा शिविर भी लगेंगे।
- आपात स्थिति से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।
- यातायात व्यवस्था के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।